उत्तराखंड में इनोवेशन एवं इंटरप्रिन्योरशिप के लिए झारखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व हेतू धनबाद की ममता कुमारी का चयन।

धनबाद (झारखण्ड) : भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, गृह मंत्रालय, युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, आईआरसीटीसी एवं आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल इजुकेशन के सम्मिलित प्रयास से एक भारत श्रेष्ठ भारत के एजीस में 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक इनोवेशन और इंटरप्रिन्योरशिप में झारखण्ड राज्य का उत्तराखंड में प्रतिनिधित्व हेतू धनबाद के ममता कुमारी का चयन हुआ। ममता का साक्षात्कार में कहना है कि भारत के जनसमुदाय में संप्रेषण, बहुभाषी, बहुधर्मी, बहुल विचारधारी मनुष्यों को एकात्मकता का सूत्र प्रदान कर साथ चलने, साथ प्राप्तियाँ करने, साथ सोचने, साथ समझने तथा साथ रहने के संकल्प और भारतीय ज्ञान परंपरा विषयों, अनुशासनों, अध्ययन पद्धतियों, उपासना मार्गों आदि विभेदों को सर्वथा सम्मान प्रदान करते हुए मानव मात्र के कल्याण को ही परम ध्येय मानकर चलना आज के भारत की जरुरत है। समय के साथ परंपरा के कुछ तत्व क्षीण या नष्ट होते जाते हैं, तो वहीं कुछ नए तत्व परंपरा में समाहित हो जाते हैं। यही आधुनिकता का मुख्य आधार है और परंपरा की निरंतरता का प्रतीक भी। भारतीय विचारधारा की सनातनता इसी निरंतरता में निहित है। पुराने और नए का यह मेल ही अकादमिक नवाचार और बौद्धिक आनंद के लिए आवश्यक है। अध्ययन और अनुसंधान की इस स्वतः प्रवाहित धारा ने भारत की महान बौद्धिक परंपरा को वर्षों तक विश्व से परिचित कराया। शिक्षा, ज्योतिष, अध्यात्म, चिकित्सा, युद्ध कौशल, खगोलशास्त्र, आयुर्वेद, धनुर्वेद, चित्रकला, वास्तुशास्त्र, संगीत आदि क्षेत्रों में भारत ने पूरे विश्व को दिशा दिखाने की क्षमता, सामर्थ्य और साहस प्रदान किया। इसी कारण भारत को सहस्राब्दियों तक “विश्वगुरु” या “जगद्गुरु” की उपाधि से सम्मानित किया गया। इन्होने आगे कहा कि पर्यटन, परंपरा, प्रोद्योगिकी, पर्यावरण, आदि क्षेत्रों को देवभूमि उत्तराखंड में समझने का अवसर मिला एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत के राह में वन अर्थ वन फेमिली को बढावा देने हेतू उत्तराखंड में झारखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व एवं दोनों राज्यों के परस्पर धार्मिक एवं सांस्कृतिक आदान -प्रदान करने का अवसर यूस डेलिगेशन से प्राप्त हुआ।

विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को अपनी सांस्कृतिक मूल्यों के साथ इंटरप्रिन्योरशिप एवं इनोवेशन के क्षेत्र में प्रगति से प्राप्ताँक करना आसान होगा। मैं भारत के शिक्षा मंत्रालय एवं अन्य मंत्रालयों सहित झारखण्ड के आइआइटी के नोडल आफिसर को अपने चयन हेतु का धन्यवाद करती हूं। ममता कुमारी बहुत ही मेधावी छात्रा हैं। इन्होने 2012 में डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली के इंसपायर अवार्ड में जिला स्तर, राज्य स्तर में सफलता हासिल कर राष्ट्र स्तर के लिए झारखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व प्रगति मैदान दिल्ली में करने हेतू बाल-वैज्ञानिक के रूप में सफलता हासिल की थी जिसमें इन्होंने हाइड्रोकार्बन्स से संबंधित रिसर्च प्रोजेक्ट बनायी थीं इसके मुख्य अतिथि डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एवं देश के अनेकों विद्वान वैज्ञानिक थे। ममता अपने बोर्ड परीक्षाओं में भी टापर रहीं हैं।

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