अलवर/राजस्थान : अलवर राजस्थान में शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर भारत परिवार की ओर से एक वैचारी गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसक विषय था (सांप्रदायिकता के दौर में युवाओं के लिए भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता) विषय पर इतिहासविद हरिशंकर गोयल जी ने कहा कि हमें धर्म में रहते हुए भी किसी के धर्म को छोटा बड़ा नहीं आंकना चाहिए भगत सिंह के ये मानवतावादी विचार थे जाति के ऊंच नीच के भाव को खत्म करने के लिए जेल में सफाई कर्मचारी के हाथ का खाना खाने की इच्छा की सत्ता सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास करती है ऐसे में नौजवानों को भगत सिंह के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए। निर्वाण बोधी सत्व ने कहा कि भगत सिंह के प्रति जो जन मानस बना हुआ है कि वह हिंसा के उपासक थे ऐसा कतई नहीं है उनका बंब दर्शन बहरों के कान खोलने का था। वह क्रांतिका धमाका मात्र था समन्वयक विरेंद्र सिंह क्रांतिकारी ने कहा कि अब तक देशी पूंजीपतियों के गुलाम थे किंतु अब विदेशी पूंजीपति जैसे एलन मस्क जैसे विदेशी व्यापारियों के पूरा देश गुलाम है जिसने अदानी, अंबानी यहां तक की भारत की सरकार ने भी एलन मस्क के आगे घुटने टेक दिए ये बड़ी गुलामी की और संकेत करता है इसलिए एक जुट होनहोगा यही भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता है।
कार्यक्रम में तेजपाल सैनी, प्रदीप माथुर, बीडी गुप्ता, दीपक रैना राजेंद्र सैनी, मो रफीक खान, जितेंद्र जसोरिया, इंदु अखंड ,पूनम बौद्ध, रेणु सिंह, किशन लाल खेरलिया डॉक्टर विनोद बौद्ध ने बात रखी। भवानी सिंह प्रदीप सैनी मंजू सैनी कुलदीप माथुर नंदलाल जगत सनी बाबू प्रेम कुमार, मोनिका, संकल्प सिंह, सरिता नरेंद्र, देवकी पूजा, विक्रम महेंद्र,आकाश वर्मा, कुंदन लाल सनी नागेंद्र चौधरी, रसीद खान इत्यादि शामिल हुए। इस विचार गोष्ठी का संचालन सरिता भारत ने किया जिला अध्यक्ष अनिल अटल ने सबको धन्यवाद दिया।
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