लघु पत्रिका मेला के दूसरे दिन विभिन्न विषयों के परिचर्चा के साथ संपन्न।

हीरापुर (धनबाद) : आज दिनांक 01 मार्च 2025 को लिंडसे क्लब हीरापुर धनबाद में “शिल्पे अनन्या” त्रैमासिक बंगला पत्रिका द्वारा तीन दिवसीय कार्यक्रम चतुर्थ लघु पत्रिका मेला सह सम्मेलन में आज दूसरे दिन प्रभात फेरी के पश्चात दूसरे दिन के सत्र की शुरुआत किया गया। इस अवसर पर मुख्यरूप से निरसा विधान सभा के माननीय विधायक अरूप चटर्जी सर उपस्थित हुए। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. डॉ. दीपक कुमार सेन व आयोजन समिति के सचिव डॉ. काशी नाथ चटर्जी द्वारा पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किए। माननीय विधायक अरूप चटर्जी द्वारा लघु पत्रिका में 9 राज्यों से 80 साहित्यकार, लेखक व कवि को संबोधित करते हुए कहा कि आज धनबाद जिले में इस तरह का साहित्यकार, लेखकों व कवि का समागम बहुत बड़ी बात है। एक समय था पढ़ाई के प्रति रुचि बहुत थी जो धीरे – धीरे समाप्त होते जा रही है। मोबाइल फोन व ऑन लाइन प्लेट फॉर्म के वजह से बहुत परिवर्तन हुई है, पठन – पाठन की पद्धति घटी है। इस तरह की कार्यक्रम से लोगों में साहित्य के प्रति, पठन – पाठन के रुचि बढ़ेगी। पढ़ेंगे तो राज्य और देश – दुनिया को जानेंगे। जिससे पढ़ाई के पश्चात बेहतर तरीके से लड़ाई कर राज्य व देश को अग्रसर प्रगति की दिशा की ओर रहेंगे। इस तरह के कार्यों में हर कठिनाइयों को दूर करने में सहयोग करेंगे। आज के प्रथम खुला सत्र में लघु पत्रिकाओं पर परिचर्चा एवं पुस्तक परिचय का संचालन प्रो. वरुण सरकार द्वारा किया गया। इस सत्र में राज नारायण तिवारी द्वारा एक कविता प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात प्रो. बी. जी. मजूमदार द्वारा लघु पत्रिका के मेला के विषय पर कहें कि मैं पूर्व में विज्ञान का आदमी था जब साक्षरता आंदोलन शुरुआत हुई उस समय साहित्य के क्षेत्र में आए, साहित्य के क्षेत्र में लोगों का रुचि बहुत ही कम है। उदय किरोला (उत्तराखंड) कहा गया कीव निराश होने की जरूरत नहीं है एक दिन सामाजिक परिवर्तन होगा, साहित्य व संस्कृति के माध्यम बदलाव जरूर होगी। डॉ मृणाल जनवादी लेखक संघ द्वारा कहा गया कि लघु पत्रिकाओं ने प्रतिरोध, आंदोलन कार्पोरेट, सांप्रदायिकता के खिलाफ पहले भी किया है और अब भी जारी है और हमे उम्मीद है कि आने वाले पीढ़ी लघु पत्रिका के इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगी। इसके अलावा उक्त विषय पर अंजन भट्टाचार्य बिहार, अजय सान्याल, प्रदीप बनर्जी, अभिजीत मान पश्चिम बंगाल, दिलीप कुमार मिस्त्री, रीता दास गुप्ता, दिलीप वैराग्य, राम चंद्र सिंह, उज्ज्वल दत्ता, अपूर्व राय आदि ने अपने विचार रखे। संतोष कुमार महतो व राज नारायण तिवारी धनबाद हिंदी गीत “हम मेहनत करके जीने वाले – जागो मजदूर किसान” प्रस्तुत किए। इसके पश्चात जनवादी गीत एक चिंगारी का विमोचन किया गया। आज के दूसरे सत्र केव” वर्तमान समय में महिलाओं लेखकों कि चुनौतियों के परिचर्चा में अध्यक्षता उर्मिला मोगा पंजाब व संचालन गायत्री आचार्जी द्वारा किया गया। अध्यक्षता कर रही उर्मिला मोगा द्वारा कहा गया कि लिटिल मैगजीन मेला में काफी गहन चिंतन हो रहा है और हमे कई भाषा सिखनी चाहिए जिससे हम देश के अलग – अलग हिस्सों में होने वाले साहित्यिक सम्मेलन में भाग ले सके। मीनाक्षी सांगानेरिया सह संपादक (सदीनामा) द्वारा कहा गया कि नारी अपना उत्थान खुद ही कर सकती है, क्योंकि उसे अपने आप का संभल बनना पड़ेगा। तभी वह अपना उत्थान कर सकती हैं और नहीं तो नारी उत्थान के नारे लगाने से ही कुछ परिवर्तन नहीं होने वाला परिवर्तन के लिए खुद में परिवर्तन लाना बेहद जरूरी है।

इसके अलावा शालिनी सिंह, रीना भौमिक, आई. बी. चटर्जी, चैताली सान्याल, तनुश्री गोराई, शुभ्रा कोनार, बरनाली गुप्ता आदि द्वारा अपना विचार रखें। तीसरे सत्र पढ़ने की संस्कृति और जन वाचन विषय पर संचालन ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के अध्यक्ष शिव शंकर प्रसाद द्वारा किया गया। इस परिचर्चा मेंbअमिताभ दास, तापोस भट्टराज, समीर भट्टाचार्य, बासुदेव मंडल, संजय पाल, डॉ. ब्रज गोपाल मजूमदार, पंकज श्रीवास्तव, हेमंत कुमार जायसवाल, पुनैंदु घोष आदि लोगों ने विचार रखे। चौथा सत्र में युवा लेखक और वर्तमान परिवेश का संचालन विकाश कुमार ठाकुर द्वारा किया गया। इस विषय में रूपेश कुमार, अरिंदम चन्द्र, अभिषेक दे, अतनु मिश्रा, व्रतीन देवधारिया निवारुन मलिक, अनवर बसु, अरूप गंगोपाध्याय द्वारा परिचर्चा में भाग लिया गया। इसके पश्चात स्मारिका का विमोचन किया गया। उपरोक्त सभी विषयों में भाग लिए प्रतिभागियों को अंग वस्त्र व मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात आज के सत्र का समापन किया गया।

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